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Showing posts from August, 2018

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद एम्स में हुआ निधन नई दिल्ली:  भारतीय राजनीति के अजातशत्रु कहे जाने वाले बीजेपी नेता और  पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में गुरुवार को निधन हो गया. वह बीते 11 जून से एम्स में भर्ती थे. वाजपेयी ने गुरुवार शाम 5:05 बजे अंतिम सांस ली. बुधवार को उनकी हालत गंभीर हो गई और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था. वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) की नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था. मधुमेह पीड़ित 93 वर्षीय भाजपा नेता का एक ही गुर्दा काम करता था. वाजपेयी की हालत बिगड़ने पर बुधवार की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें देखने के लिए एम्स पहुंचे थे. साथ ही उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी गुरुवार को एम्स पहुंचे. उनके अलावा केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, जितेंद्र सिंह, अश्विनी चौबे, स्मृति ईरानी, शाहनवाज हुसैन, हर्षवर्धन सहित कई बीजेपी नेता अटल बिहारी वाजपेयी के स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए एम्स गए थे. अट

रेलवे छात्रों को किराये में देता है जमकर छूट, क्या आपको पता है इस सुविधा के बारे में, 5 खास बातें

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फाइल फोटो नई दिल्ली:  प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान अक्सर ट्रेनों में छात्रों की वजह से अच्छी खासी भीड़ हो जाती है. जिसकी वजह से आम यात्रियों और सुरक्षा में तैनात जवानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. तमाम छात्र बिना टिकट ही यात्रा करते हैं. लेकिन बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि रेलवे टिकटों के मामले में छात्रों को कई तरह की छूट देता है. छात्रों की ये सुविधा स्लीपर और 2एस सीट पर मिलता है. इसकी सुविधा ऑनलाइन बुकिंग टिकट के जरिये नहीं उठाई जा सकती है. रेलवे की ओर से छात्रों को मिलने वाली सुविधाएं ग्रेजुएशन तक लड़कियों को यह सुविधा दी जाती है. वह एमएसटी से सेकंड क्लास में मुफ्त सफर कर सकती है. 12 वीं क्लास तक के छात्र एमएसटी के जरिये मुफ्त में सफर कर सकते हैं.  अगर कोई छात्र अपने घर या एजुकेशन टूर पर जा रहा है तो सामान्य वर्ग के छात्र को 50 फीसदी तक की छूट स्लीपर क्लास में मिलती है. एमसटीओ और क्यूएसटी रखने वाले छात्रों को भी 50 फीसदी की छूट मिलती है. वहीं एससी/एसटी वर्ग के छात्रों को 75 फीसदी तक की छूट मिलती है.  रिसर्च कर रहे या कैंप में जाने वाले छात्रों के लिये भी

पंचकर्म थेरेपी से मानसून में बढ़ाइए अपनी इम्‍यूनिटी और रहिए हेल्‍दी

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1 Thu, 26 Jul 2018 17:15 IST तेज बारिश के साथ ही लोगों ने गर्मी से राहत की सांस ली। लेकिन इस राहत के साथ ही यह मौसम मच्‍छरों से फैलने वाली कई पानी की बीमारियां भी अपने साथ लेकर आता है। इसलिए इस मौसम में लोगों को हेल्‍दी रहने और डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और कोलेरा आदि जैसी बीमारियों से सुरक्षित रहने के लिए कुछ चीजों को ध्‍यान में रखना चाहिए। इस बारे में हमने स्वामी परमानंद प्राकृतिक चिकित्‍सालय की डॉक्‍टर  दिव्य शरद से बात की। तब उन्‍होंने हमें बताया कि ''जैसे-जैसे मौसम में बदलाव आता है, नॉर्मल व्‍यक्ति को अपनी लाइफस्‍टाइल में कुछ बदलाव लाना चाहिए। क्‍योंकि हेल्‍दी रहने के लिए हमें दवाओं की नहीं बल्कि अपनी इम्‍यूनिटी को सुधारने और अपने कमजोर हिस्‍से को मजबूत बनाने की जरूरत है। इस मानसून आप अपनी इम्‍यूनिटी को बढ़ाने के लिए पंचकर्मा थेरेपी का इस्‍तेमाल कर सकती हैं। इस थेरेपी को लोग प्राचीन काल से जानते हैं। जब आपकी बॉडी का तापमान अनियमित रूप से गिर जाता है तो दवा लेने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में यह थेरेपी आपके काम आती है।''  पंचकर्म आपका अच्छा कर्म ह

पुराने से पुराने दर्द को जड़ से खत्‍म कर देगी ये 1 रुपए की चीज

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आज के समय में ज्‍यादातर महिलाएं पौष्टिक आहार की जगह बाहर का तला भुना और अधिक मसालेदार खाना पसंद आता है। डाइट में पौष्टिक आहार की कमी के कारण बॉडी में धीरे-धीरे कैल्शियम की कही होने लगती है। इसके अलावा जो महिलाएं अपने बच्‍चों को लंबे समय तक ब्रेस्‍टफीडिंग करवाती है उनकी बॉडी में भी कैल्शियम की कमी पाई जाती है। और बॉडी में कैल्शियम की कमी होने से हड्डियों में दर्द होने लगता है।  आप यूं भी कह सकती हैं कि आजकल के खान-पान और गलत लाइफस्टाइल के चलते शरीर में कई तरह की समस्याए उत्‍पन्‍न हो रही है। वहीँ बढती उम्र के कारण भी शरीर में कई तरह की समस्याए होने लगती है। जिसमें जोड़ों, कमर, घुटनों का दर्द एक आम सी बात हो गई है। यह दर्द कभी-कभी इतना ज्यादा हो जाता है कि आप इसे सहन भी नही कर पाती है और ऐसे में दर्द से बचने के लिए आप पेनकिलर का सहारा लेती हैं। यह पेनकिलर कुछ समय के लिए तो दर्द से छुटकारा दिला देता है, लेकिन कुछ समय बाद दर्द फिर से होने लगता है। लंबे समय तक इसे लेने से सेहत को बहुत नुकसान होता है और इससे शरीर में कई तरह के साइड इफेक्‍ट दिखने लगते हैं। लेकिन आप परेशान ना हो क्‍यों

ग्‍लूकोमा के इलाज में बहुत फायदेमंद होता है हल्‍दी का आई ड्रॉप

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आंखों के लिए हल्‍दी मसाले के रूप में इस्‍तेमाल होने वाली हल्‍दी ना केवल खाने का स्‍वाद बढ़ाती हैं बल्कि कई तरह की बीमारियों से भी आपको बचाती हैं। लेकिन एक नई रिसर्च के अनुसार हल्‍दी आपकी आंखों के लिए भी बहुत अच्‍छी होती है। जी हां भारतीय परिवारों में आमतौर पर मसाले के तौर पर इस्तेमाल होने वाली हल्दी का उपयोग आंख की ऑप्टिक नर्व को होने वाले नुकसान के इलाज में मददगार हो सकती है। इस नर्व के नुकसान से दृष्टि को नुकसान पहुंचने का खतरा होता है। आंखों के लिए हल्‍दी इस शोध का प्रकाशन 'जर्नल साइंसटिफिक रिपोर्ट्स' में किया गया है। करक्यूमिन (हल्दी का बॉयोएक्टिव घटक) का इस्तेमाल आई ड्रॉप के तौर पर करने रेटिना कोशिकाओं के नुकसान को कम करता है। रेटिना के सेल्‍स का नुकसान ग्लूकोमा का शुरुआती लक्षण है। ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के फ्रांसेस्का कॉडेरो ने कहा, "करक्यूमिन एक उत्तेजक यौगिक है जो कई तरह के  आंख  व ब्रेन की स्थितियों में न्यूरोडिजेनेरशन की पहचान व इसके इलाज में मददगार है। इसमें ग्लूकोमा व अल्जाइमर रोग भी है। अगर ये ब्लैक ड्रेस आप कॉकटेल पार्ट

सावन में शिवलिंग में जरूर चढ़ाएं शिव जी को प्रिय ये 5 पत्ते जो आपको भी बनाते हैं हेल्‍दी

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सावन का महीना भगवान शिव की आराधना का होता है। कहते है कि इस महीने में शिव की पूजा करने से सभी मनोकामना पूरी होती है। लोग सावन माह के हर सोमवार को मंदिर में जा कर शिवलिंग पर दूध जल, बेल पत्र आदि अर्पित करते हैं। जी हां हर शिव भक्त भोलेबाबा यानी भगवान शिव को प्रसन्‍न करने के लिए सावन के महीने में उन्‍हें बेलपत्र अर्पित करना नहीं भूलता। लेकिन इसके अलावा भी शिवजी को कई तरह दूसरे पत्ते बेहद प्रिय है। यह पत्ते ना केवल शिवजी को प्रिय होते हैं बल्कि आपकी हेल्‍थ के लिए भी बहुत अच्‍छे माने जाते है। आइए जानते हैं कि इस सावन शिव को प्रसन्‍न करने के लिए आप कौन-कौन से पत्ते अर्पित करके आप शिव को खुश कर सकते हैं और साथ इन्‍हें इनका सेवन करके खुद को हेल्‍दी रख सकती हैं। भगवान शिव को प्रिय बेलपत्र का जिक्र शिव पुराण में भी कई जगह किया गया है। बता दें, हर शिव भक्त भोलेबाबा को प्रसन्न करने के लिए सावन के महीने में उन्हें बेलपत्र अर्पित करना बिल्कुल नहीं भूलता , पर क्या आप जानते हैं बेल पत्तों के अलावा शिवजी को पांच दूसरे पत्ते भी खूब पसंद हैं। आइए जानते हैं इस सावन शिव जी को प्रसन्न करने के लिए

डायबिटीज मरीजों के लिए खुशखबरी, अब पेड़ पर लगेंगे शुगर फ्री अमरूद

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वैज्ञानिकों का दावा है कि एक ही पेड़ पर शुगर फ्री व मीठे अमरूद लगाए जा सकते हैं। शुगर फ्री अमरूद का वजन सामान्य अमरूद से ज्यादा होता है। इंदौर [विपिन अवस्थी]।  डायबिटीज के मरीज अब बेफिक्र होकर अमरूद का लुत्फ उठा सकते हैं। वैज्ञानिकों ने विशेष प्रकार के थाई अमरूद के पौधे पर यह प्रयोग किया है। उनका दावा है कि एक ही पेड़ पर शुगर फ्री व मीठे अमरूद लगाए जा सकते हैं। शुगर फ्री अमरूद का वजन सामान्य अमरूद से ज्यादा होता है। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिक हरिसिंह ठाकुर ने किसान राजेश बग्गड़ के खेत में विशेष किस्म के लगभग 2500 पौधे लगवाए हैं। वैज्ञानिक ने इसके फल भी शुगर के मरीजों को खिलाए और उनका परीक्षण भी किया। साथ ही अमरूद का स्वाद भी जाना। बेहतर परिणाम मिलने के बाद अब इसे मार्केट में बेचना शुरू कर दिया है। ऐसे तैयार करते हैं शुगर फ्री अमरूद ठाकुर ने बताया कि एक पेड़ पर शुगर फ्री व मीठे, दोनों प्रकार के अमरूद लगाने के लिए विशेष प्रक्रिया अपनाई जाती है। जिन अमरूद को शुगर फ्री बनाया है, उसे सूर्य की किरणों से बचाकर रखना होता है। इसके लिए सबसे पहले फोम का

सावन माह से जुड़ी कुछ खास बातें, हर चीज का है अपना महत्व जानें उनकी खासियतें

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क्या है सावन माह का महत्व                                                                                सर्वप्रथम जानिए कि आखिर सावन माह का ही क्या महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सावन माह में ही समुद्र मंथन किया गया था। मंथन के दौरान समुद्र से विष निकला, जिसे भगवान शंकर ने अपने कंठ में उतारकर संपूर्ण सृष्टि की रक्षा की थी। इसलिए माना जाता है कि इस माह में उनकी उपासना से विशेष कृपा प्राप्त होती है।  सावन माह के विशेष दिनों में भगवान शिव का विविध रूपों में श्रृंगार होता है आैर इन दिनों में शिव भक्त उपवास रख कर शिव आराधना में लीन रहते हैं। साथ ही इसी माह में कावड़ यात्रा का दौर भी शुरू होता है। पूरे माह लोग शिव आराधना में लीन रहेंगे और पुण्य प्राप्त करेंगे, क्योंकि इसी माह भगवान विष्णु के योग निद्रा में लीन होने के बाद शिव जगत के कल्याण के लिए जाग्रत मुद्रा में आ जाते हैं। सावन मास को मासोत्तम मास कहा जाता है। कांवड़ यात्रा का महत्व  सावन मास में लाखों भक्त विभिन्न स्थानों से गंगा आैर अन्य पवित्र नदियों आैर जलाशयों से कांवड़ में जल लेकर पदयात्रा करके शिव मंदिर आते हैं आैर जलाभ