क्या इन अंधविश्वासों पर आपको भी है भरोसा?
राहुल ने ऑफिस जाने के लिए बाइक उठाई ही थी कि उसकी वाइफ श्वेता को छींक आ गई। उसने राहुल को 2 मिनट के लिए रोका और फिर ऑफिस के लिए अलविदा कह दिया। दरअसल श्वेता का मानना है कि जब कोई कहीं जा रहा हो और किसी को छींक आ जाए तो जिस काम के लिए व्यक्ति जा रहा होता है वह या तो सफल नहीं होता या फिर व्यक्ति के साथ कुछ हादसा हो जाता है।
वैसे कितनी अजीब बात है की एक छींक से कोई आसफल या हादसे का शिकार हो जाएं। छींक आना तो एक शारीरिक प्रक्रिया है। मगर भारत में अंधविशवास है कि छींक आए तो कुछ देर के लिए वहीं रुक जाना चाहिए। वैसे यह अकेला अंधविशवास नहीं है। भारत में धर्म और पुराणों में ऐसी कई बातें लिखी हैं जिनका गलत अर्थ निकाल कर लोगों ने इसे अंधविश्वास में बदल दिया है। इन्हें सुन कर आपको हैरानी भी होगी और हंसी भी आएगी। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे ही मजेदार अंधविश्वासों के बारे में बताते हैं।
जब बिल्ली काट जाए रास्ता
रास्ते पर चलते वक्त आपको कई जानवर मिलते होंगे। कई बार यह जानवर आपके रास्ते में भी आ जाते होंगे। अमूमन आप इन जानवरों को हटा कर आगे बढ़ जाती होंगी मगर जब बिल्ली आपका रास्ता काट जाती है तब आप क्या करती हैं। कुछ देर के लिए वहीं रुक जाती होंगी या फिर एक बार मन ही मन उस बिल्ली को कोसती होंगी या फिर डर कर आगे बढ़ जाती होंगी। दरअसल ऐसा लगभग भारत में रहने वाली आधी से ज्यादा जनता करती है। क्योंकि यहां अंधविश्वास है कि बिल्ली के रास्ता काटने पर काम बिगड़ जाता है। खासतौर पर बिल्ली काली है तब तो लोगों में और भी ज्यादा डर बैठ जाता है। दरअसल इसके पीछे एक कहानी है। कहानी यह है कि बिल्ली को राहु गृह की सवारी माना जाता है जो हिंदुओ के लिए एक अशुभ गृह है। मगर वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं होता है।
घर के दरवाजे पर नीबू मिर्च टांगना
भारत के लगभग हर घर और दुकान में यहां तक की बड़े बड़े शोरूम्स में आपको नीबू और मिर्च की एक माला टंगी दिख जाएगी। लोगों को मानना है कि यह माला घर और दुकान या जिस जगह पर भी वो माला टंगी है उसको बुरी नजर से बचाता है। माना जाता है कि नींबू का खट्टा और मिर्च का तीखा स्वाद बुरी नजर वाले व्यक्ति की एकाग्रता भंग कर देता है। जिससे वह अधिक समय पर घर या दुकान को नहीं देख पाता है।
एग्जाम से पहले दही शक्कर खिलाने का रिवाज
ऐसा आपके साथ भी कई बार हुआ होगा जब आप एग्जाम देने जा रही होंगी तो पीछे मम्मी ने रोक कर आपको दही शक्कर खिलाया होगा। दरअसल भारतीय लोगों को मानना है कि दही शक्कर खिलाने से एग्जाम अच्छा हो जाता है। एग्जाम से पहले दही शक्कर खिलाने का रिवाज है। हिंदू धर्म में दही को अमृत माना जाता है और कहा जाता है कि दही खाने से दुखी मन खुश हो जाता है खुश हो कर आदमी हर काम अच्छा करता है। इसके अलावा सफेद रंग को चंद्रमा का कारक माना जाता है और कोई भी सफेद रंग की चीज खाकर घर से बाहर निकलने पर एकाग्रता बढ़ती है।
दिन के हिसाब से खाने का मेन्यू तय करना
भारत में दिन के हिसाब से लोगों के खाने का मेन्यू भी तस होता है। यह बात बेहद फनी है मगर सच है। यहां लोग मंगलवार नॉनवेज नहीं खाते क्योंकि माना जाता है कि मंगलवार का दिन भगवान हनुमान का दिन होता है और वो नॉनवेज नहीं खाते थे इस लिए मंगलवार के दिन नॉनवेज से लोग परहेज करते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन नॉनवेज खाने से आदमी का दिमाग भ्रष्ट हो जाता है। मगर इसमें वैज्ञानिक तथ्य देखा जाए तो हफ्ते में एक दिन अपने खाने का मेन्यू चेंज करने से टेस्ट बड और शरीर को राहत मिलती है।
बच्चों को काला टीका लगाना
आपने देखा होगा कि छोटे बच्चों को उनकी मां सिर के कोने पर या फिर कान के पीछे काला टीका लगा देती हैं। कहा जाता है कि इससे बच्चों को नजर नहीं लगती। इसके पीछे मान्यता है कि बच्चे विष्णु जी के बाल स्वरूप और लड्डू गोपाल होते हैं। ज्योतिषाचार्य सुजीत महाराज कहते हैं कि बच्चों का भोला रूप देखकर सभी उनकी तारीफ करते हैं और उनके भोलेपन को निहारते हैं। ऐसे में कई बार लोगों की नकारात्मक ऊर्जा से बच्चों के सेहत पर असर पड़ता है। वहीं काले रंग काला रंग इस नकारात्मकता से बचाता है। जब माताएं काला रंग बच्चे को लगाती हैं तो वही नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
शगुन में एक रुपया देना
भारत में रिश्तेदारों के बीच रुपयों का लेनदेन बहुत चलता है। यहां लोग रुपया देकर लोगों को सम्मान देते हैं। ऐसे में जितने भी रुपय दिए जाते हैं उसमें एक का सिक्का भी साथ में दिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि एक रुपय देने से वह राशि शगुन की चीज हो जाती है। अगर एक रुपए के बिना कोई राशि दी जाती है तो उसे शगुन नहीं आर्थिक मदद करना कहते हैं।
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