अगर आपको भी नींद में गिरने का अहसास होता है तो जानिए इसकी वजह
क्या आपको सोते समय ऐसा महसूस होता है कि आप अचानक से नीचे की ओर गिर रही हैं?
या आप सोते समय गिरने के डर से अचानक से उछल पड़ती हैं?
या आपको सोते समय झटका महसूस होता है?
और आप संभलने की कोशिश करने लगती हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? और इसकी वजह क्या है? क्या ये कोई बीमारी है? क्या इसका कोई इलाज है? अगर आप भी मेरी तरह इन सवालों के जवाब जानना चाहती हैं तो आइए इस आर्टिकल के माध्यम से जानें।
या आप सोते समय गिरने के डर से अचानक से उछल पड़ती हैं?
या आपको सोते समय झटका महसूस होता है?
और आप संभलने की कोशिश करने लगती हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? और इसकी वजह क्या है? क्या ये कोई बीमारी है? क्या इसका कोई इलाज है? अगर आप भी मेरी तरह इन सवालों के जवाब जानना चाहती हैं तो आइए इस आर्टिकल के माध्यम से जानें।
क्या है हाइपनिक जर्क?
इस स्थिति को हाइपनिक जर्क के नाम से जाना जाता है। यह जागने और सोने की बीच की अवस्था है। ये झटके उस समय महसूस होते हैं जब आप हल्की नींद में हो इसका मतलब होता है कि इंसान ना तो पूरी तरह से उठा होता है और ना ही गहरी नींद में सो रहा होता है। आमतौर पर यह घटना नींद के पहले चरण में होती है जब हार्ट रेट और सांस धीरे होने लगती है।
हाइपनिक जर्क कोई डिजीज नहीं है और ना ही कोई नर्वस सिस्टम डिस्ऑर्डर है। यह अचानक मसल्स के झटके हैं जो नींद आने के कुछ घंटों में आ सकते हैं। रिसर्च के मुताबिक, सोते समय झटके महसूस होना सामान्य बात है। करीब 60 से 70 प्रतिशत लोग ऐसा अनुभव करते हैं। कई लोगों को हाइपनिक जर्क लगते हैं, लेकिन उन्हें या तो याद नहीं रहता है या फिर पता नहीं चल पाता है। खासकर तब अगर इन झटकों से किसी की नींद ना टूटे तो पता चलना काफी मुश्किल होता है।
हाइपनिक जर्क कोई डिजीज नहीं है और ना ही कोई नर्वस सिस्टम डिस्ऑर्डर है। यह अचानक मसल्स के झटके हैं जो नींद आने के कुछ घंटों में आ सकते हैं। रिसर्च के मुताबिक, सोते समय झटके महसूस होना सामान्य बात है। करीब 60 से 70 प्रतिशत लोग ऐसा अनुभव करते हैं। कई लोगों को हाइपनिक जर्क लगते हैं, लेकिन उन्हें या तो याद नहीं रहता है या फिर पता नहीं चल पाता है। खासकर तब अगर इन झटकों से किसी की नींद ना टूटे तो पता चलना काफी मुश्किल होता है।
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लेकिन ऐसा क्यों होता है?
हालांकि अभी तक इसे पर कोई रिसर्च नहीं हुई है।
लेकिन वैज्ञानिक इसके पीछे अलग-अलग कारण बताते हैं।
कुछ लोगों का कहना है कि उनके बॉडी में तब झटके आते हैं, जब वे सपने में गिर रहे होते हैं या किसी उलझन में होते हैं।
लेकिन ऐसा क्यों होता है?
हालांकि अभी तक इसे पर कोई रिसर्च नहीं हुई है।
लेकिन वैज्ञानिक इसके पीछे अलग-अलग कारण बताते हैं।
कुछ लोगों का कहना है कि उनके बॉडी में तब झटके आते हैं, जब वे सपने में गिर रहे होते हैं या किसी उलझन में होते हैं।
हाइपनिक जर्क के कारण
- जबकि कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके पीछे स्ट्रेस, चिंता, थकान या कैफीन लेना या फिर नींद की कमी जैसे कारण हो सकते हैं।
- कई बार शाम में की गई ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी या एक्सरसाइज भी हाइपनिक जर्क का कारण बन सकती हैं।
- साथ ही कैल्शियम, मैग्नीशियम या आयरन की कमी के कारण भी ऐसा हो सकता है।
- एक रिपोर्ट के अनुसार, सोते समय मसल्स में ऐंठन होने कारण हमें झटके महसूस होते हैं।
- अनकम्फ़र्टेबल पोजीशन में सोना या कच्ची नींद में सोना भी झटके का कारण हो सकता है। माना जाता है कि ऐसे में ब्रेन का आधा हिस्सा एक्टिव रहता है।
- नर्वस को उत्तेजित करने वाली मेडिसिन के ओवरडोज़ हो जाने पर भी हाइपनिक जर्क का खतरा हो सकता है।
सोते समय झटके लगना पूरी तरह से नॉर्मल है, लेकिन अगर आप लगातार बेचैनी महसूस करती हैं या फिर अक्सर आपकी नींद इसी कारण से टूट जाती है तो आप किसी डॉक्टर से परामर्श ले सकती हैं।
हाइपनिक जर्क से बचने के लिए क्या करें?
- रोजाना कम से कम 8 घंटे की भरपूर नींद लें और सुबह लगभग एक ही समय पर उठने की कोशिश करें।
- सोने से पहले गर्म पानी से नहाकर थोड़ा रिलैक्स हो जाएं।
- सोने से 6 घंटे पहले एक्सरसाइज करने से बचें।
- इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम और कैल्शियम का सेवन करें।
- आयरन से भरपूर चीजों का सेवन करें। आयरन की कमी को पूरा करने के लिए रोज दूध, दही, केले और नट्स खाएं।
- सोने से पहले सोडा, कॉफ़ी या अन्य कैफीन वाली चीजें पीने से परहेज करें।
- तनावपूर्ण कामों को दिन के समय ही खत्म करने की कोशिश करें।
- मीठे और नमकीन पदार्थ कम खाएं। इसकी जगह फ्रूट्स और वेजिटेबल ज्यादा खाएं।
चूंकि इस समस्या के सही कारण की जानकारी नहीं है इसलिए इसका कोई इलाज नहीं है। कई बार हेल्दी महिलाओं को जिन्हें नींद से संबंधी कोई समस्या नहीं है उन्हें भी सोते समय झटके महसूस हो सकते हैं।
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