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ग्‍लूकोमा के इलाज में बहुत फायदेमंद होता है हल्‍दी का आई ड्रॉप

आंखों के लिए हल्‍दी
मसाले के रूप में इस्‍तेमाल होने वाली हल्‍दी ना केवल खाने का स्‍वाद बढ़ाती हैं बल्कि कई तरह की बीमारियों से भी आपको बचाती हैं। लेकिन एक नई रिसर्च के अनुसार हल्‍दी आपकी आंखों के लिए भी बहुत अच्‍छी होती है। जी हां भारतीय परिवारों में आमतौर पर मसाले के तौर पर इस्तेमाल होने वाली हल्दी का उपयोग आंख की ऑप्टिक नर्व को होने वाले नुकसान के इलाज में मददगार हो सकती है। इस नर्व के नुकसान से दृष्टि को नुकसान पहुंचने का खतरा होता है।

आंखों के लिए हल्‍दी

इस शोध का प्रकाशन 'जर्नल साइंसटिफिक रिपोर्ट्स' में किया गया है। करक्यूमिन (हल्दी का बॉयोएक्टिव घटक) का इस्तेमाल आई ड्रॉप के तौर पर करने रेटिना कोशिकाओं के नुकसान को कम करता है। रेटिना के सेल्‍स का नुकसान ग्लूकोमा का शुरुआती लक्षण है। ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के फ्रांसेस्का कॉडेरो ने कहा, "करक्यूमिन एक उत्तेजक यौगिक है जो कई तरह के आंख व ब्रेन की स्थितियों में न्यूरोडिजेनेरशन की पहचान व इसके इलाज में मददगार है। इसमें ग्लूकोमा व अल्जाइमर रोग भी है।

इसलिए इसके प्रबंधन से आई ड्रॉप के तौर लाखों लोगों को मदद मिल सकती है। "चूंकि कुरक्यूमिन कम घुलनशील है और यह आसानी से घुल नहीं सकता, बल्कि ब्‍लड में अवशोषित हो जाता है, इसलिए इसे मुंह से लिया जाना मुश्किल है। शोधकर्ताओं ने एक नैनोकैरियर विकसित किया है, जिसमें करक्यूमिन होता है, जो मानव के इस्तेमाल के लिए सुरक्षित होता है।

कैंसर के लिए हल्‍दी

turmeric health inside

लंबे समय से यह माना जाता रहा है कि हल्दी में पाए जाने वाले रसायन 'करक्यूमिन' में रोगों को हरने की शक्ति होती है जो अर्थराइटिस और डिमेंशिया जैसी बीमारियों के इलाज में प्रभावी सिद्ध हो चुकी है। ब्रिटेन के कॉर्क कैंसर रिसर्च सेंटर में किए गए परीक्षण दिखाते हैं कि प्रयोगशाला में जब करक्यूमिन का प्रयोग किया गया तो उसने गले की कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर दिया। डॉक्‍टर शैरन मैक्केना और उनके दल ने पाया कि करक्यूमिन ने 24 घंटों के भीतर कैंसर की कोशिकाओं को मारना शुरु कर दिया। कैंसर विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रिटिश जरनल ऑफ़ कैंसर में प्रकाशित यह खोज कैंसर के नए इलाज विकसित करने में सहायक हो सकती है।
इस शोध का प्रकाशन 'जर्नल साइंसटिफिक रिपोर्ट्स' में किया गया है। करक्यूमिन (हल्दी का बॉयोएक्टिव घटक) का इस्तेमाल आई ड्रॉप के तौर पर करने रेटिना कोशिकाओं के नुकसान को कम करता है। रेटिना के सेल्‍स का नुकसान ग्लूकोमा का शुरुआती लक्षण है। ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के फ्रांसेस्का कॉडेरो ने कहा, "करक्यूमिन एक उत्तेजक यौगिक है जो कई तरह के आंख व ब्रेन की स्थितियों में न्यूरोडिजेनेरशन की पहचान व इसके इलाज में मददगार है। इसमें ग्लूकोमा व अल्जाइमर रोग भी है।


इसलिए इसके प्रबंधन से आई ड्रॉप के तौर लाखों लोगों को मदद मिल सकती है। "चूंकि कुरक्यूमिन कम घुलनशील है और यह आसानी से घुल नहीं सकता, बल्कि ब्‍लड में अवशोषित हो जाता है, इसलिए इसे मुंह से लिया जाना मुश्किल है। शोधकर्ताओं ने एक नैनोकैरियर विकसित किया है, जिसमें करक्यूमिन होता है, जो मानव के इस्तेमाल के लिए सुरक्षित होता है।

कैंसर के लिए हल्‍दी

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लंबे समय से यह माना जाता रहा है कि हल्दी में पाए जाने वाले रसायन 'करक्यूमिन' में रोगों को हरने की शक्ति होती है जो अर्थराइटिस और डिमेंशिया जैसी बीमारियों के इलाज में प्रभावी सिद्ध हो चुकी है। ब्रिटेन के कॉर्क कैंसर रिसर्च सेंटर में किए गए परीक्षण दिखाते हैं कि प्रयोगशाला में जब करक्यूमिन का प्रयोग किया गया तो उसने गले की कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर दिया। डॉक्‍टर शैरन मैक्केना और उनके दल ने पाया कि करक्यूमिन ने 24 घंटों के भीतर कैंसर की कोशिकाओं को मारना शुरु कर दिया। कैंसर विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रिटिश जरनल ऑफ़ कैंसर में प्रकाशित यह खोज कैंसर के नए इलाज विकसित करने में सहायक हो सकती है।

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