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सावन में शिवलिंग में जरूर चढ़ाएं शिव जी को प्रिय ये 5 पत्ते जो आपको भी बनाते हैं हेल्‍दी

सावन का महीना भगवान शिव की आराधना का होता है। कहते है कि इस महीने में शिव की पूजा करने से सभी मनोकामना पूरी होती है। लोग सावन माह के हर सोमवार को मंदिर में जा कर शिवलिंग पर दूध जल, बेल पत्र आदि अर्पित करते हैं। जी हां हर शिव भक्त भोलेबाबा यानी भगवान शिव को प्रसन्‍न करने के लिए सावन के महीने में उन्‍हें बेलपत्र अर्पित करना नहीं भूलता। लेकिन इसके अलावा भी शिवजी को कई तरह दूसरे पत्ते बेहद प्रिय है। यह पत्ते ना केवल शिवजी को प्रिय होते हैं बल्कि आपकी हेल्‍थ के लिए भी बहुत अच्‍छे माने जाते है। आइए जानते हैं कि इस सावन शिव को प्रसन्‍न करने के लिए आप कौन-कौन से पत्ते अर्पित करके आप शिव को खुश कर सकते हैं और साथ इन्‍हें इनका सेवन करके खुद को हेल्‍दी रख सकती हैं।
भगवान शिव को प्रिय बेलपत्र का जिक्र शिव पुराण में भी कई जगह किया गया है। बता दें, हर शिव भक्त भोलेबाबा को प्रसन्न करने के लिए सावन के महीने में उन्हें बेलपत्र अर्पित करना बिल्कुल नहीं भूलता , पर क्या आप जानते हैं बेल पत्तों के अलावा शिवजी को पांच दूसरे पत्ते भी खूब पसंद हैं। आइए जानते हैं इस सावन शिव जी को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र के साथ कौन से पत्ते चढ़ाकर भगवान को खुश किया जा सकता है।

बेलपत्र
bel patra inside

भगवान शिव को खुश करने के लिए शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करते है। माना जाता है कि इसके बिना शिवजी की पूजा अधूरी होती है। शिवजी की को अर्पित किया जाने वाला बेलपत्र, सिर्फ पूजा मात्र का ही एक साधन नहीं है, बल्कि आपकी हेल्‍थ के लिए भी यह बेहद फायदेमंद होते है। बेलपत्र में प्रोटीन, बीटा-कैरोटीन, थायमीन, कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी आदि कई पोषक तत्व पाएं जाते हैं। हार्ट रोगियों के लिए भी बेलपत्र का प्रयोग बेहद फायदेमंद है। बेलपत्र का काढ़ा बनाकर पीने से हार्ट मजबूत होता है और हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। श्वास रोगियों के लिए भी यह अमृत के समान है। इन पत्तियों का रस पीने से श्वास रोग में काफी लाभ होता है।

धतूरा

शिव पुराण में बताया गया है कि शिव को धतूरा बहुत पसंद है। शिव जी को धतूरा अर्पित करने वाले को शिव जी धन-धान्य प्रदान करते हैं। लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि धतूरे का फल और पत्ता औषधि के रूप में भी काम आता है। जी हां धतूरा अर्थराइटिस में भी बेहद लाभकारी होता है। दर्द होने पर धतूरे के पंचांग का रस निकालकर उसको तिल के तेल में पका लें। जब तेल रह जाए तो इस तेल से मालिश करें। जोड़ों और दर्द वाले हिस्सों पर अच्छे से मालिश करने के बाद उसपर धतूरे का पत्ता बांध लें। अर्थरा‍इटिस की समस्या ठीक हो जाएगी। बाल झड़ने की समस्या होने पर धतूरा आपके लिए बहुत फायेमंद हो सकता है। इसके लिए धतूरे के रस को सिर पर मलने से बाल उगते है।

भांग
bhag leave health inside

भगवान भोलेनाथ को बेल के बाद दूसरा सबसे प्रिय पत्ता भांग का है। भांग का पत्ता या भांग का शर्बत बनाकर भोलेनाथ को चढ़ाएं तो शिव बड़े प्रसन्न होते हैं। इसका कारण यह है कि भांग एक औषधि है। कहते हैं जब शिव जी ने विष का पान किया था तब जहर का उपचार करने के लिए भांग के पत्तों का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि भांग के पत्ते आपकी हेल्‍थ के लिए भी बहुत अच्‍छे होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार भांग एक औषधीय पदार्थ है, जिसका प्रयोग कई बीमारियों को काटने के लिए किया जा सकता है। लेकिन तब जब इसका इस्‍तेमाल सीमित तरीके से किया जाएं।                                                  

आक

आक का फूल और पत्ता दोनों ही भगवान शिव को बेहद प्रिय है। कहते हैं जो भक्त भगवान शिव को आक अर्पित करता है भगवान शिव उसके मानसिक और शारीरिक सभी तरह के कष्ट हर लेते हैं। इतना ही नहीं, क्‍या आप जानती हैं कि औषधिय गुणों से भरपूर पूजा के लिए इस्तेमाल होने वाला यह पौधा सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके फूल-पत्तियों का इस्तेमाल अस्थमा, डायबिटीज और बवासीर जैसी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। मदार, अर्क या अकोवा के नाम से पहचाने जाने वाले इस पौधे से और भी स्किन में एलर्जी या खुजली जैसी समस्याओं को दूर किया जा सकता है।

दूर्वा घास
dorv grass inside

दूर्वा घास के बारे पुराणों में बताया गया है कि इनमें अमृत बसा है। भगवान शिव और उनके पुत्र गणेश जी को दूर्वा बेहद पसंद है। लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि भगवान शिव की प्रिय दुर्वा आपकी हेल्‍थ के लिए भी बहुत अच्‍छी होती है। जी हां दूब में अनेक गुणकारी तत्त्व होते हैं, जो विभिन्न रोगों को खत्म करने की क्षमता रखते हैं। औस बिखरी हरी घास पर नंगे पांव चलने मात्र से आंखों की रोशनी तेज़ होती है और नेत्रों को सुरक्षात्मक शक्ति मिलती है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार दूब स्वाद में कड़वी होती है, लेकिन शरीर को ठंडक देती है। दूब के रस के सेवन से ब्‍लड संबंधी रोग खत्म होते हैं।
तो देर किस बात की शिव जी के प्रिय इन पत्तों को शिवलिंग पर अर्पित करने के साथ-साथ खुद की हेल्‍थ को सुधारने में भी इस्‍तेमाल करें। 

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