किचन के इन 8 मसालों में छिपा है आपके वेट लॉस का राज
भारतीय सुपरफूड्स में मसालों को पोषक तत्व देने वाला माना जाता है और आप इन मसालों की मदद से आपासी से वजन घटा सकती हैं। इन 8 मसालों को आजमा कर आप यह कारनामा दिखा सकती हैं-
हल्दी
शरीर की जलन मिटाने वाले गुणों के लिए हल्दी जानी जाती है। यह कई तरह के टॉक्सिन्स से मुक्ति दिलाने में मददगार मानी जाती है। हल्दी मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने में मददगार है, यह इस नाते अहम है कि यह । हल्दी सदियों से भारतीय कुजीन का हिस्सा रही है। जरा सी हल्दी खाने में मिलाने से खाने का स्वाद बढ़ जाता है।
जीरा
क्लीनिकल ट्रायल में यह बात साबित हुई है कि जीरे से इंसुलिन सेंस्टिविटी में बदलाव आ जाता है। जीरे में मौजूद फाइटोस्टेरॉल्स कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने में मददगार होते हैं। जीरा लगभग सभी भारतीय सब्जियों को पकाए जाने के दौरान इस्तेमाल किया जाता है। बटरमिल्क या दही के रायते में पिसा हुआ जीरा काफी टेस्टी लगता है।
अदरक
अदरक डाइजेशन में मददगार है और इसी वजह से यह वेट लॉस में मदद करता है। पिछले साल हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि अदरक भूख को कंट्रोल करके मोटापे को रोकने में मददगार है। जिंजर जूस कई तरह की चाय में मिलाया जा सकता है।
इलाएची
एक भारतीय अध्ययन में यह बात साबित हुई है कि इलाएची अदरक की तरह ही डाइजेशन में मदद करती है। इलाएची में एंटीऑक्सिडेंट और एंटीइन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी होती हैं, जिससे मेटाबॉलिक एक्शन बढ़ जाता है। आप इलाएची के फ्लेवर वाली चाय पी सकती हैं या फिर सीधे भी इलाएची खा सकती हैं।
दालचीनी
शरीर किस तरह से शुगर को प्रोसेस करता है, उसमें दालचीनी अहम भूमिका निभाती है। इससे शुगर को फैट में कन्वर्ट होने से रोकने में मददगार है। यह खाने को पेट से आंतों तक पहुंचने की प्रक्रिया को धीमा करने में भी मददगार है। अध्ययन बताते हैं कि दालचीनी से पेट का फैट भी बहुत हद तक कम हो जाता है।
लाल मिर्च
कई स्टडीज में यह बात सामने आई है कि लाल मिर्च से लिपिड मेटाबॉलिज्म से जुड़े जीन्स फंक्शन प्रभावित होते हैं। जब ग्रेवी, फ्रूट चाट या दही में लाल मिर्च मिलाई जाती है तो इनका टेस्ट काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
रोजमैरी
एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर रोजमैरी में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। एंटीऑक्सिडेंट्स से हाइपरग्लाइसीमिया से लड़ने में मदद मिलती है। इससे ब्लड शुगर लेवर कंट्रोल रहते हैं और आप वजन घटाने में सक्षम हो पाती हैं। रोजमैरी को व्हीट पास्ता, सलाद और सूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
काली मिर्च
अध्ययनों में यह पाया गया है कि काली मिर्च फैट सेल्स की फॉर्मेशन की प्रक्रिया को रोकने का काम करती है। काली मिर्च फैट रिलेटेड समस्याओं के इलाज के लिए एक प्राकृतिक विकल्प माना जाता है। यह भी सच है कि ऑमलेट, सलाह, सूप, हॉट बेव्रेज और चाय में काली मिर्च के इस्तेमाल से स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। बटरमिल्क में भी फ्लेवर के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
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