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Health के लिए ब्रेस्ट फीडिंग कराएं लेकिन सही समय पर इसे छुड़ाना है जरूरी


एक दिन में अपनी सहेली रीमा के घर गई, तब मैंने देखा कि वह अपने दो साल के बेटे को ब्रेस्ट फीडिंग करवा रही थी। तब मैंने उससे पूछा कि तेरा बेटा इतना बड़ा हो गया है, तू अभी तक इसे ब्रेस्ट फीडिंग करवाती हैं। तो वे बहुत परेशान होते हुए बोली यार मैं ब्रेस्ट फीडिंग छुडाना चाहती हूं, लेकिन वो मानता ही नहीं हैं। ऐसा लगता है जैसे उसको इसकी लत लग गई है। तुम ही इस आदत को छुड़ाने का कोई उपाय बताओ। यह परेशानी सिर्फ रीमा की नहीं हैं। रीमा की तरह कई महिलाओं को इस परेशानी से गुजरना पड़ता है। लेकिन सही समय पर इस आदत को छुड़ाना चाहिए, क्योंकि यह बच्चे और आपकी दोनों की हेल्‍थ के लिए बेहद जरूरी है।
     
जी हां माना कि जन्म से छह महीने तक बच्चे के लिए सिर्फ मां का दूध अमृत की तरह होता है। ताकी बच्चे को भरपूर पोषण मिलें और उसकी रोगों से लड़ने वाली की क्षमता यानी इम्यूनिटी मजबूत हो। बाद के छह महीने में भी अन्य चीजों के साथ-साथ मां का दूध देना जरूरी होता है। ताकी वह डिहाइडेशन जैसी समस्याओं से बच सकें। लेकिन इस पड़ाव पर यह सोचना भी शुरू कर देना चाहिए कि बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग करवाना कैसे बंद किया जाए। एक वक्त के बाद ऐसा करना बच्चे की सेहत के साथ-साथ आपकी हेल्‍थ के लिए भी जरूरी होता है। आइए जानें वह तरीके जिनकी हेल्‍प से आप आसानी से अपने बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग की आदत को छुड़ावा सकती हैं।
breastfeeding health wellness

कब करें शुरुआत

जब तक बच्चा एक साल का ना हो जाये, तब तक ब्रेस्ट फीडिंग ना छुड़ाये। इस उम्र से पहले बच्चा ठीक तरह से ठोस आहार खा नहीं पाता है। कई बच्चे इस समय तक दूध को भी आसानी से पचा नहीं पाते है। World Health Organization और UNICEF के अनुसार, बच्‍चे के जन्म‍ के शुरूआती छह महीनों के बाद भी बच्चे को ठोस आहार के साथ मां का दूध देना चाहिए।

अन्‍य मिल्‍क की आदत डालें

ब्रेस्‍ट फीडिंग छुडवाने से पहले अपने बच्चे को कोई और दूध पीने की आदत डालें। वैसे बच्चों के लिए गाय का दूध सबसे अच्छा रहता है। इसके अलावा आजकल बाजार में डिब्बा बंद दूध भी मिलता है जो अच्छे से पचने के साथ-साथ कई तरह के पोषण से भरपूर होता है।
glass of milk ()

एकदम से ना छुड़ाएं

ब्रेस्ट फीडिंग की आदत को एकदम से नहीं छुड़वाना चाहिए, बल्कि धीरे-धीरे कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि अचानक से ऐसा करने से बच्चा बीमार हो सकता है। यानी बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग कराना धीरे-धीरे कम करना चाहिए। अगर आप उसे दिन में चार बार पिलाती हैं तो उसे पहले तीन बार फिर दो बार और फिर एक बार पिलाएं। ऐसा करने से बच्चे की निर्भरता आप भी कम हो जायेगी।

विभिन्न स्वाद और प्रकार

बच्चे को विभिन्न स्वादों और प्रकारों से अवगत कराएं, ताकि उसे मां के दूध के अलावा दूसरे तरह के भोजन में भी दिलचस्पी हो। उसे अलग-अलग तरह का भोजन दें जो रंग, आकार और स्वाद में भिन्न-भिन्न हो साथ ही इन्हें अलग-अलग समय पर दें।
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बच्चे को दें ठोस आहार

 

जब बच्चे का पेट भरा रहेगा तो वह ब्रेस्ट फीडिंग की मांग नहीं करेगा। इसलिए बच्चे को ठोस आहार दें। ऐसी कोई चीज जो बच्चा बहुत चाव से खाता है उसे दें, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि बच्चे को कोई भी अनहेल्‍दी चीज का लालच दें।
इस तरह से आप अपने बच्‍चे में टाइम रहते ब्रेस्‍ट फीडिंग की आदत छुड़ा सकती हैं।
 

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