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इस बार व्रत रखने से पहले जरूर जान लें कुट्टू के आटे के फायदे


मुझे नवरात्रों के इन नौ दिनों का बेसब्री से इंतजार होता है। साल में दो बार आने वाले ये नौ दिन मेरे लिए बहुत रोमांचक होते हैं क्‍योंकि अचानक से मेरी डाइट पूरी तरह से बदल जाती है। जी हां व्रत का खाना मेरी बॉडी और स्‍वाद दोनों को रेगुलर खाने से एक ब्रेक देता है और साथ ही कुछ भी खाने की आदत पर विराम लगता है। मुझे यह हल्‍की डाइट लेने का आइडिया बहुत पसंद है और साथ ही इन नौ दिनों में रेगुलर ग्रेन (गेहूं, चावल आदि) को bye कहना भी। इसके अलावा इस समय मुझे अपनी इच्‍छाशक्ति को कंट्रोल करना भी अच्‍छे से आ जाता है।

कल्‍पना करो कि अगर आप एक हफ्ते अपनी मनपसंद रोटी नहीं खा सको तो क्‍या होगा। शायद आप ऐसा नहीं कर पायेगी, लेकिन नवरात्रों के नौ दिन धार्मिक कारणों से आप ऐसा करती हैं। जो महिलाएं इसे व्रत को रखती हैं वह जानती हैं कि वे क्‍या कर रही हैं। और भरोसा करो अगर बहुत ज्‍यादा तला-भुना (हालांकि ये बहुत ही tempting होता है) नहीं खाती हैं तो नवरात्रि का आहार वास्‍तव में आपकी हेल्‍थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

हालांकि व्रत के दौरान महिलाएं अपना पसंदीदा आलू खाना पसंद करती हैं लेकिन आप व्रत के दौरान फलाहार के लिए कुट्टू के आटे का सेवन कर सकती हैं। हममें से ज्‍यादातर महिलाए शायद कुट्टू के आटे से बनी चीजें खाती हैं, लेकिन क्‍या कभी आपने यह सोचा हैं कि व्रत के दौरान इसे क्‍यों खाया जाता है। अगर नहीं तो आइए ग्रेटर कैलाश स्थित स्‍माइल स्‍टूडियो की न्‍यूट्रीशनिस्ट कविता देवगन से जानते हैं कि व्रत के दौरान कुट्टू का आटा खाना हमारी हेल्‍थ के लिए कैसे फायदेमंद होता है।

कुट्टू के आटे की बनी चीजें न सिर्फ व्रत के दौरान तुरंत एनर्जी देती हैं बल्कि आमतौर पर इसके सेवन से भी सेहत से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती हैं।

कुट्टू के आटे के फायदे

न्‍यूट्रीशनिस्ट कविता देवगन का कहना हैं कि 'कुट्टू हाई क्‍वालिटी के प्रोटीन से पैक होता है और इसमें अमीनो एसिड लाइसिन भी भरपूर मात्रा में होता है, जो हमारे नियमित/पसंदीदा स्टेपल्स गेहूं और चावल (कॉर्न, ओट्स और क्विनोआ) में भी हैं। यह सबसे बड़ी बात है क्‍योंकि वेजिटेरियन डाइट में प्रोटीन हमेशा से एक चुनौती रहा है।'
kuttu ka atta health i

फाइबर से भरपूर

न्‍यूट्रीशनिस्ट कविता का यह भी कहना हैं कि 'इसमें बहुत अधिक फाइबर (घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार का फाइबर) भी होता है। जो आपको पूरे समय भरा हुआ महसूस कराने के साथ-साथ बॉडी को डिटॉक्‍स करने में भी हेल्‍प करता है। यह टॉक्सिन को बांधकर पेट के माध्‍यम से मलत्याग को आसान बनाता है, जिससे कोलोन को कैंसर से रक्षा करने में हेल्‍प मिलती है।' 
'कुट्टू में बहुत सारा विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स है, यहां तक कि इसमें क्विनोआ से भी ज्‍यादा होता है, विशेष रूप से riboflavin (विटामिन बी 2) और नियासिन (विटामिन बी 3) से भी ज्यादा है। इसके अलावा यह फास्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक, कॉपर और मैंगनीज जैसे मिनरल सहित कई मिनरल से भरपूर होता है।'

दिल के लिए अच्‍छा

यह आटा cardiac protective है। रिसर्च के अनुसार, इस अनाज के सेवन से बॉडी में कोलेस्‍ट्रॉल बेहतर होता है (खराब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम और हेल्‍थ को बढ़ावा देने वाले एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा देने में हेल्‍प करता है)। एक नई रिसर्च के अनुसार, कुट्टू का आटा कोलेस्‍ट्रॉल को कम करने वाले नायाब आहार में से एक है। इतना ही नहीं यह आटा एंटीऑक्‍सीडेंट्स से भरपूर विशेष रूप से rutin होने के कारण हार्ट डिजीज के रक्षक के रूप में जाना जाता है क्‍योकि यह केशिका की दीवारों को मजबूत और सर्कुलेशन में सुधार करता है।

डायबिटीज रोकने में मददगार

न्‍यूट्रीशनिस्ट कविता का यह भी कहना हैं कि 'कुट्टू का आटा D-chiro inositol से भरपूर होता है, एक अनोखा प्रकार का कार्बोहाइड्रेट जो ब्‍लड शुगर को कम करता है और डायबिटीज को रोकने में हेल्‍प करता है।'

मैग्‍नीशियम से भरपूर

कुट्टू के आटे में मैग्‍नीशियम भरपूर मात्रा में होता है जो ब्‍लड वेसल्‍स को रिलैक्‍स, ब्‍लड फ्लो में सुधार और बीपी कम करने में हेल्‍प करता है। और हाई ब्‍लड प्रेशर वाली दवाओं की तरह, ये अनाज प्रोटीन भी एंजियोटेंसिन एंजाइम (एसीई) को परिवर्तित करने की गतिविधि को कम करने की क्षमता रखता है, जिससे हाई ब्‍लड प्रेशर का जोखिम कम होता है।
kuttu health benefits

ग्लूटेन फ्री

कुट्टू के आटा ग्लूटेन फ्री होता है (यह वास्तव में एक अनाज नहीं है, बल्कि फल का बीज है) और इसलिए celiacs और ग्रेन फ्री ग्‍लूटेन संवेदनशील महिलाओं के लिए सबसे अच्‍छा आहार है।

पेट भरा हुआ लगता है

यह खाने के प्रति लालसा को दूर करने में हेल्‍प करता है, क्‍योंकि अन्‍य ग्रेन्‍स की तुलना में कुट्टू में भूख को संतुष्‍ट करने की क्षमता होती हैं।

कैसे खाएं

इसका टेस्‍ट स्‍ट्रॉंग होता है इसलिए बहुत से महिलाओं को ये पसंद नहीं आता है। लेकिन आपको यह स्‍वादिष्‍ट लगता हो या नहीं नवरात्रों में इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। लेकिन इसे पकाने के लिए तेल में डालने की भी जरूरत नहीं हैं, बहुत सारे तरीके से आप इसे खा सकती हैं- रोटी, दलिया, पेनकेक्‍स, क्रेप्‍स के रूप में ले सकती हैं और तो और आप इस ग्रेन का इस्‍तेमाल सूप और सलाद में भी कर सकती हैं। 


  • Pooja Sinha
  • Her Zindagi Editorial

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